
विश्व भूख दिवस, एक गंभीर विषय-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने विश्व भूख दिवस पर कहा कि भूख ऐसी स्थिति है जो इतिहास की शुरुआत से ही मानवता को प्रभावित कर रही है, लेकिन इसके खिलाफ सामूहिक लड़ाई भी ऐसी ही है। दार्शनिक सिमोन वेइल के अनुसार, लोगों ने हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम किया है कि भूखों को भोजन मिले।
थिंक मानवाधिकार संगठन की एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि विश्व भूख दिवस एक ऐसा अभियान है जिसका उद्देश्य दुनिया भर में भूख और कुपोषण से पीड़ित लाखों लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
यह इस वैश्विक संकट के प्रभावी समाधान की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालता है। यह दिवस प्रत्येक वर्ष 28 मई को मनाया जाता है और हर साल इसका विषय अलग होता है।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, बृजेश शुक्ला एडवोकेट, डॉ एच सी राजेंद्र कुमार, डॉ नरेंद्र चौधरी, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, एडवोकेट बीना आदि ने कहा किवित्तीय संसाधनों की कमी भूख के प्राथमिक कारणों में से एक है, क्योंकि गरीबी में रहने वाले लोग अक्सर पर्याप्त भोजन का खर्च उठाने में असमर्थ होते हैं।उन्होंने कहा कि जरूरतमंद लोगों को भोजन सहायता प्रदान करने वाले खाद्य बैंकों और धर्मार्थ संस्थाओं को समर्थन देने से अल्पावधि में भूख को कम करने में मदद मिल सकती है।
व्यक्तियों को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने से रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं, आय में वृद्धि हो सकती है, तथा गरीबी और भुखमरी कम हो सकती है।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ